Best Gulzar Shayari & Quotes Images in Hindi

Gulzar Shayari & Quotes Images in Hindi

Best of Gulzar Shayari in Hindi & English | Gulzar is one of the finest filmmakers in India. The lyricist and lyricist have always been a poet of heart who writes in Urdu Punjabi and many other Hindi dialects. He is often presented as Gulzar Saab. Gulzar is one of the most famous poets of India. Sampooran Singh Kalra is the real Name of Gulzar. He was born on 18 August 1934 in Jhelum district in Pakistan. Despite living separately since 1974, Gulzar says that she and her estranged husband Rakhi Gulzar have lived together.

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Gulzar Shayari

“Gulzar Best Shayaris collection ”

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Gulzar Quotes On Life 
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Gulzar shayari on eyes
Gulzar Motivational Quotes

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी..

आप के बाद हर घड़ी हम नेआप के साथ ही गुज़ारी है

बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश  की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!

तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,  ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई जैसे एहसान उतारता है कोई

तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।

आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई

तन्हाई अच्छी लगती है
 सवाल तो बहुत करती पर,.
जवाब के लिए
ज़िद नहीं करती..

तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं

“खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !”

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।

आइना देख कर तसल्ली हुई, हम को इस घर में जानता है कोई। 

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है। 


Gulzar Shayari & Quotes in Hindi


मोहब्बत आपनी जगह,
नफरत अपनी जगह
मुझे दोनो है तुमसे ..

ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है

काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी,
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी

मुझसे तुम बस मोहब्बत कर लिया करो,
नखरे करने में वैसे भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं!

तजुर्बा कहता है रिश्तों में फैसला रखिए,
ज्यादा नजदीकियां अक्सर दर्द दे जाती है…


खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है

रात को रूह कुरेद कर देखो,
अभी जलता हो कोई पल शायद!

कोई   समझे तो
एक बात कहूँ साहब..,
तनहाई   सौ   गुना   बेहतर है
मतलबी   लोगों   से..!

अगर कसमें सब होती,
तो सबसे पहले खुदा मरता!

शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है

हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,
हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह….!

वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था

मुद्दतें लगी बुनने में ख्वाब का स्वेटर,तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था!

तुम लौट कर आने की तकलीफ़ मत करना,
हम एक ही मोहब्बत दो बार नहीं किया करते!

कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है…


Gulzar quotes on love


जागना भी काबुल है तेरी यादों में रातभर,तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ!

तमाशा करती है मेरी जिंदगी,
गजब ये है कि तालियां अपने बजाते हैं!

काई सी जम गई है आँखों पर
सारा मंज़र हरा सा रहता है
(जिंदगी के ऊपर ग़ुलज़ार शायरी)

वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख कर कहीं!!

हाथ छुटे तो भी रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख से रिश्ते नहीं तोड़ा करते!

 वफा की उम्मीद ना करो उन लोगों से,
 जो मिलते हैं किसी और से  होते है किसी और के…!

उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले

वो जो उठातें हैं
क़िरदार पर उंगलियां,
तोहफे में उनको
आप आईने दीजिए।

सहर न आई कई बार नींद से जागे
थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले

आज मैंने खुद से एक वादा किया है,
माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है,
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ,
अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है।


Gulzar best Shayari


आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता कोई एहसास तो दरिया की अना का होता

आप के बाद हर घड़ी हम नेआप के साथ ही गुज़ारी है

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई जैसे एहसान उतारता है कोई

इतने लोगों में कह दो अपनी आँखों से,
इतना ऊँचा न ऐसे बोला करे, लोग मेरा नाम जान जाते हैं!

मंजर भी बेनूर था और
फिजायें भी बेरंग थीं
बस फिर तुम याद आये
और मौसम सुहाना हो गया!

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की

जब भी ये दिल उदास होता है,
जाने कोन दिल के पास होता है!

कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं, और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।

हसरत थी दिल में की एक खूबसूरत महबूब मिले,
मिले तो महबूब मगर क्या खूब मिले।

कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद

आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद

उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है,
उनके इंतजार में दिल तरसता है,
क्या कहें इस कम्बख्त दिल को..
अपना हो कर किसी और के लिए धड़कता है।

बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मतं कोसो, हर हाल में चलना सीखो!

कहानी शुरू हुई है तो खतम भी होगी
किरदार गर काबिल हुए तो याद रखे जाएंगे..

मुद्दतें लगी बुनने में ख्वाब का स्वेटर,
तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था!

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा, क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा। 

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में, रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।

बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायते जो बया नहीं होती।

सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम, कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।

बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायते जो बया नहीं होती।

मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।

कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।

हम तो अब याद भी नहीं करते,आप को हिचकी लग गई कैसे?

दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा, इसका शायद कोई हल नहीं हैं।

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Thank You …..! 

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About the Author: Vinod Siyak

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