स्वामी विवेकानंद को नरेंद्र के नाम से भी जाना जाता है। वह एक महान विचारक, महान वक्ता और भावुक देशभक्त थे। स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। आइए हम स्वामी विवेकानंद के प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, कार्यों, शिक्षाओं, दर्शन पुस्तकों आदि पर एक नज़र डालें।
उठो, जागो और तब तक मत रूको
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए..
मन की एकाग्रता ही समग्र ज्ञान है।
एक समय में एक काम करो
और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो
और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो,
ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए,
नही तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।
मुझे पसन्द करो या न पसन्द करो दोनों मेरे ही पक्ष में है।
यदि आप मुझे पसन्द करोगें तो,
मैं आप के दिल में रहूँगां और अगर न पसन्द करोगे तो मैं आपके दिमाग़ में रहूँगा।
कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो,
आंखे मूंदकर उसके पीछे न चले,
यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आंख, नाक, कान, मुंह और दिमाग़ क्यों देते?
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार
आज हमारे देश को आवश्यकता है,
लोहे के समान मांसपेशियों और वज्र के समान स्नायुओं की।
हम बहुत दिनों तक रो चुके,
अब और रोने की आवश्यकता नहीं,
अब अपने पैरों पर उठ खड़े हो एवं मनुष्य बनो।
दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है,
अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना,
स्वयं पर विश्वास करो।
लगातार पवित्र विचार करते रहें,
बुरे संस्कारों को दबाने के लिए एकमात्र समाधान यही है।
उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है,
जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है,
ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है।
अगर कोई पाप है, तो वो यही है,
ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार
बच्चों पर निवेश करने की सबसे अच्छी खोज है,
अपना समाज और अच्छे संस्कार।
ध्यान रखें, एक श्रेष्ठ बालक का निर्माण,
सौ विद्यालय को बनाने से भी बेहतर है।
“Vivekananda Thoughts”
किसी की निंदा ना करें।
अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते है,
तो जरूर बढ़ाएं अगर नहीं बढ़ा सकते,
तो अपने हाथ जोडिये अपने भाईयों को आशीर्वाद दीजिये,
और उन्हें उनके मार्ग पर जाने दीजिये।
किसी एक विचार को अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ,
कुविचारों का त्याग कर केवल उसी विचार के बारे में सोचो,
आप पाओगे कि सफलता तुम्हारे कदम चूम रही है।
एक समय आता है,
जब मनुष्य अनुभव करता है कि थोड़ी-सी मनुष्य की सेवा करना
लाखों जप-ध्यान से कहीं बढ़कर है।
अगर हम ईश्वर को अपने दिल में,
और हर जीवित चीज़ में नहीं देख सकते हैं तो,
हम ईश्वर को खोजने के लिए और कहाँ जहा सकते हैं?
तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़,
किसी और के सामने सिर मत झुकाओ।
जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि
तुम स्वयं देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।
बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।
Swami Vivekananda Quotes in Hindi
वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता है,
और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि
तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो,
और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते।
जब तक लाखों लोग भूखे और अज्ञानी हैं,
तब तक मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को गद्दार मानता हूँ,
जो उनके बल पर शिक्षित हुआ और
अब वह उसकी ओर ध्यान नहीं देता।
कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो,
आंखे मूंदकर उसके पीछे न चले,
यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती, तो वह हर प्राणी को आंख, नाक, कान, मुंह और दिमाग़ क्यों देते?
आज हमारे देश को आवश्यकता है,
लोहे के समान मांसपेशियों और वज्र के समान स्नायुओं की.
हम बहुत दिनों तक रो चुके,
अब और रोने की आवश्यकता नहीं,
अब अपने पैरों पर उठ खड़े हो एवं मनुष्य बनो।
जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं हैं,
लेकिन जो रिश्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी हैं।
Quotes of Swami Vivekananda
कोई भी धर्म जो तुम्हें ईश्वर की प्राप्ति में सहायता देता है,
अच्छा हैं। धर्म ईश्वर की प्राप्ति है।
कभी कमजोर नहीं पड़े, आप अपने आपको शक्तिशाली बनाओं,
आप के भीतर अनंत शक्ति है।
मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान है,
जब वो केन्द्रित होती है तो चमक उठती हैं।
हम जितने शान्तचित्त होंगे और हमारे स्नायु जितने संतुलित रहेंगे,
हम जितने ही अधिक प्रेम-सम्पन्न होंगे,
हमारा कार्य भी उतना ही अधिक उत्तम होगा।
Vivekananda Thoughts
अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे,
तो इसका कुछ मूल्य है,
अन्यथा ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है
और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है।
यदि स्वयं पर विश्वास करना,
अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता,
तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दु:ख का
एक बहुत ही बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
जो सत्य है,
उसे साहस पूर्वक निर्भीक होकर लोगो से कहो,
उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस और ध्यान मत दो।
जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है,
उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पड़ेगा।
एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो।
उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है,
जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हम में है,
वह हम ही है जो अपनी आंखो पर हाथ रख लेते है,
और फिर रोते है कि कितना अन्धकार है।
भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं,
अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।
हमें अनन्त शक्ति, अनन्त उत्साह,
अनन्त साहस तथा अनन्त धैर्य चाहिए,
केवल तभी महान कार्य सम्पन्न होंगे।
तेरा सपना क्यों पूरा नहीं होता,
हिम्मत वालों का इरादा अधूरा नहीं होता,
जिस इंसान के कर्म अच्छे होते है,
उस के जीवन में कभी अँधेरा नहीं होता।
Swami Vivekananda Quotes in Hindi
हमारे देश की स्त्रियाँ, विद्या, बुद्धि अर्जित करें,
यह मैं ह्रदय से चाहता हूँ,
लेकिन पवित्रता की बलि देकर यदि यह करना पड़े तो कदापि नहीं।
आपका उद्देश्य आपका अपना है,
उसे दूसरों के लिए मत बदलिए,
लेकिन आपका चरित्र आपके लिए नहीं है,
उसे दूसरों के लिए बदल दीजिए।
मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है,
एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है,
इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से
संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं।
जो दूसरों से घृणा करते है,
वो स्वयं भी पतित होते है।
जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
मन की दुर्बलता से अधिक भयंकर और कोई पाप नहीं है।
जगत में यदि आप किसी एक
धर्म-मात्र की शिक्षा प्रदान करना चाहते है,
तो वह होगा निर्भयता।
आप ईश्वर में तब तक विश्वास नहीं कर पाएंगे
जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करतें हैं।
पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है,
फिर विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार लिया जाता है।
Quotes of Swami Vivekananda
शारीरिक, बौद्धिक और आध्यामित्क रूप से,
जो भी कमजोर बनता है,
उसे जहर की तरह त्याग दो।
इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के,
क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है।
जीवन का रहस्य केवल आनंद नही है,
बल्कि अनुभव के माध्यम से सीखना है।
किसी मकसद के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह,
गिरो तो बीज की तरह,
ताकि दुबारा उगकर उसी मकसद के लिए जंग कर सको।
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है,
इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं,
शब्द गौण हैं।
विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
सफलता प्राप्त करने के लिए,
अटल धैर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति चाहिए।
सभी शक्ति तुम्हारे भीतर है,
आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते हैं।
एक अच्छे चरित्र का निर्माण,
हज़ारों बार ठोकर खाने के बाद ही होता है।
बहादुर अकेला ही महान लक्ष्य,
हासिल कर सकता है, ना कि कायर।
शिक्षा मनुष्य में पूर्णता अभिव्यक्त है,
और चरित्र उस अभिव्यक्ति की परीक्षा।
विश्व एक व्यायामशाला है,
जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
पवित्रता और दृढ़ इच्छाशक्ति सर्वशक्तिमान है,
क्या तुम इसमें विश्वास करते हो?
कोई काम करने से पहले हार मत मानिये,
नही तो वह काम कभी भी सफल नही होगा।
मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान है,
जब वो केन्द्रित होती है तो चमक उठती हैं।
सब कुछ खोने से बुरा क्या है?
वो उम्मीदें खोना जिसके भरोसे पर हम,
सब कुछ वापस प्राप्त कर सकते हैं।
आधुनिक भौतिक विज्ञान उन्ही निष्कार्षो तक पहुँचा है,
जिन तक भारतीय वेदांत युगों पहले पहुँच चूका है।
कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो।
जो देना है वो दे दो,
वो तुम तक वापस आएगा लेकिन उसके बारे में अभी मत सोचो।
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार
पवित्रता, धैर्य तथा प्रयत्न के द्वारा सारी बाधाएँ दूर हो जाती हैं,
इसमें कोई सन्देह नहीं कि महान कार्य सभी धीरे-धीरे होते हैं।
यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है,
जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है।
जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है,
तब यह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
नेतृत्व करने वालों के शब्दकोशों में असंभव शब्द नहीं होता है,
कितनी भी बड़ी चुनौतियां क्यों न हो,
मजबूत इरादें और दृढ़ संकल्प से उन्हें सुलझाया जा सकता है।
आसक्ति का सम्पूर्ण त्याग करने के दो उपाय है:-
समस्त कर्मफलों को ईश्वर को समर्पित करना।
अपनी इच्छा-शक्ति का अवलम्बन करके।
स्वयं में बहुत सी कमियों के बावजूद अगर मैं स्वयं से प्रेम कर सकता हूँ तो
फिर दूसरों में थोड़ी बहुत कमियों की वजह से उनसे घृणा कैसे कर सकता हूँ।
यही दुनिया है, यदि तुम किसी पर उपकार करोगे तो,
लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे।
परन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बन्द कर दों तो
वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करनें में नही हिचकिचायेंगे।
हम जो बोते हैं वो काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं,
हवा बह रही है। वो जहाज जिनके पाल खुले हैं।
इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं,
लेकिन जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते।
क्या यह हवा की गलती है?
हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं।
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है.विस्तार जीवन है,
संकुचन मृत्यु है. प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।
Swami Vivekananda Quotes in Hindi
“भारत उठो”
अपनी आध्यामित्कता से सारे संसार के विजेता बनो।
आपको अपने भीतर से ही विकास करना होता है,
कोई आपको सीखा नहीं सकता, कोई आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता,
आपको सिखाने वाला और कोई नहीं, सिर्फ आपकी आत्मा ही है।
हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें,
हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे।
जो आप की मदद करता है, उसे कभी मत भूलों,
जो आप से प्रेम करता है, उससे कभी घृणा मत करो,
जो आप पर भरोसा करता है, उसे कभी भी धोखा मत दो।
मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म को मानता हूँ,
जिसने सारी दुनिया को भाईचारे का पाठ सिखाया।
मन का विकास करो और उसका संयम करो,
उसके बाद जहाँ इच्छा हो, वहाँ इसका प्रयोग करो,
उससे अति शीघ्र फल प्राप्ति होगी।
हम जो बोते हैं वो काटते हैं।
तुम्हें अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है।
हमारे देश की स्त्रियाँ, विद्या, बुद्धि अर्जित करें।
नेतृत्व करने वालों के शब्दकोशों में असंभव शब्द नहीं होता है।
मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है।
इच्छाशक्ति ही सबसे बलशाली है।
एक समय में एक काम करो।
लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा,
लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो,
तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।
किसी भी काम को करने से पहले हार मत मानिये।
हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें,
हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा,
और परमात्मा उसमे बसेंगे।
जब तक जीना, तब तक सीखना,
यानी अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
सत्य एक हजार अलग तरीको से कहा जा सकता है,
और हर एक सच हो सकता है।
Swami Vivekananda Quotes in Hindi
तुम फुटबॉल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे,
बजाये गीता का अध्ययन करने के।
Quotes of Swami Vivekananda
स्वयं से बाहर ईश्वर को ढूँढ़ना असंभव है,
क्योंकि शरीर ही उसका सबसे बड़ा मंदिर है।
संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका हैं,
असंभव से भी आगे निकल जाना।
जि़न्दगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता हैं,
स्वयं को बनाना पड़ता हैं,
जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी ही मंजिल मिलती है।
जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो.
सोचो तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर,
वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे है।
विश्व में अधिकांश लोग इसलिये असफल हो जाते है,
क् योंकि उनमें समय पर साहस का संचार नही हो पाता,
वे भयभीत हो उठते हैं।
भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं,
अगर उसे अपने ह्रदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।
जन्म, व्याधि, जरा और मृत्यु ये तो केवल आनुषंगिक है,
जीवन में यह अनिवार्य है, इसलिए वह एक स्वाभाविक घटना है।
इच्छाशक्ति ही सबसे बलवती है.
इसके सामने हर एक वस्तु झुक सकती है,
क्योंकि वह ईश्वर और स्वयं ईश्वर से ही आती है।
ज्ञान स्वयमेव है,
मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
स्वामी विवेकानंद अनमोल वचन
ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्धि कर सकता है,
सभी जीवित ईश्वर है- इस भाव से सब को देखों।
आदर्श, अनुशासन, मर्यादा, परिश्रम,
ईमानदारी तथा उच्च मानवीय मूल्यों के बिना
किसी का जीवन महान नहीं बन सकता है।
तुम्हें अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है,
कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता,
तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई और गुरू नहीं है।
जिस तरह से विभिन्न स्त्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं,
उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा लक्ष्य तक जाता है।
संसार में हर वस्तु में अच्छे और बुरे दो पहलू है,
जो अच्छा पहलू देखते है, वे अच्छाई,
और जिन्हे केवल बुरा पहलू देखना आता है, वे बुराई संग्रह करते हैं।
कुछ सच्चे, ईमानदार और उर्जावान पुरूष और महिलाएं.
जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है, उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं।
आप जैसे विचार करेंगे, वैसे आप हो जायेंगे,
अगर अपने आपको निर्बल मानेंगे तो आप निर्बल बन जायेंगे,
और यदि जो आप अपने आपको समर्थ मानेंगे तो आप समर्थ बन जायेंगे।
जिनमें सत्य, पवित्रता और नि:स्वर्थता विद्यमान है,
उन्हें स्वर्गलोक, मृत्युलोक और पाताललोक की कोई भी शक्ति कुछ क्षति नहीं पहुँचा सकती,
इन गुणों के रहने पर चाहे समस्त विश्व ही किसी व्यक्ति के विरूद्ध क्यों न हो जाये,
वह अकेला ही उसका सामना कर सकता है।
हर काम को तीन अवस्थाओं में से गुज़रना होता है,
उपहास, विरोध और स्वीकृति। जो मनुष्य अपने समय से आगे विचार करता है,
लोग उसे निश्चय ही ग़लत समझते है।
इसलिए विरोध और अत्याचार हम सहर्ष स्वीकार करते हैं,
परन्तु हमें दृढ़ और पवित्र होना चाहिए और भगवान में अपरिमित विश्वास रखना चाहिए,
तब ये सब मुक्त हो जायेंगे।
बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं।
कमज़ोरी का इलाज़ कमज़ोरी का विचार करना नही,
पर शक्ति का विचार करना है।
जो अग्नि हमें गर्मी देती है,
हमें नष्ट भी कर सकती है। यह अग्नि का दोष नहीं है।
सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है,
वह पुरूष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता, पूर्ण रूप से निस्वार्थ व्यक्ति और सबसे ज्यादा सफल हैं।
किसी चीज से डरो मत। अद्भुत काम करोगे,
यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।
स्वतंत्र होने का साहस करो,
जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं,
वहां तक जाने का साहस करो और उन्हें
अपने जीवन में उतारने का साहस करो।
Vivekananda Thoughts
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये-
आप सुनिश्चित हो सकते है कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
मजबूती जीवन है और कमजोरी मृत्यु है।
स्वामी विवेकानंद अनमोल वचन
मनुष्य की सेवा, भगवान की सेवा होती है।
खुद को समझना सबसे बड़ा पाप है।
सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना।
कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो,
जो देना है वो दो,
वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।
धन्य हैं वो लोग
जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं।
श्री रामकृष्ण कहा करते थे,
जब तक मैं जीवित हूँ, तब तक मैं सीखता हूँ,
वह व्यक्ति या वह समाज जिसके पास सीखने को कुछ नहीं है,
वह पहले से ही मौत के जबड़े में है।
Quotes of Swami Vivekananda
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये,
आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है।
हमें ऐसी शिक्षा चाहिए, जिससे चरित्र का निर्माण हो,
मन की शक्ति बढ़े,
बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।
भगवान् की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए,
इस जीवन या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर।
यदि तुम संसार पर उपकार करना चाहते हो,
तो जगत पर दोषारोपण करना छोड़ दो।
स्वामी विवेकानंद अनमोल वचन
जीवन का रहस्य भोग में नही, अनुभव से शिक्षा प्राप्ति में है।
गलती एक तरफा हो तो झगड़ा ज्यादा देर तक नहीं चलता है।
आकांक्षा, अज्ञानता, और असमानता,
यह बंधन की त्रिमूर्तियां है।